वाममोर्चा सरकार के शासनकाल में पश्चिम बंगाल की पंचायती व्यवस्था को पूरे देश में मॉडल के तौर पर स्वीकृति मिली थी। जिसके फलस्वरूप देश की केंद्रीय सरकार ने पंचायती व्यवस्था को अन्य राज्यों में लागू करने के लिए कानून बनाने की घोषणा की थी। लोकतांत्रिक तरीके से जनता के व्यापक हिस्से को शामिल कर विकास का एक उदाहरण पंचायत ने जन्म दिया था।  तीन स्तरों की पंचायत व्यवस्था बनी ;ग्राम संसद को जोड़ा गया । जनता का विकास जनता के लिए जनता के द्वारा। भूमि सुधार नीति (बर्गा आपरेशन)के तहत गांव के किसानों को जमीन का अधिकार प्राप्त हुआ। जो जोतेगा, वही बोयेगेऔर वही काटेगा ।हल जिसका ,जमीन उसकी_ किसानों के जमीन पाने का यह सपना पूरा हुआ। ग्रामीण अर्थनीति मजबूत हुई। लोगों की क्रय क्षमता में वृद्धि हुई। सड़क बिजली और पानी की व्यवस्था की गयी। जन शिक्षा के प्रसार के हेतु गाँव – गाँव में प्राथमिक विद्यालय बनाये गये। गाँव गाँव में प्राथमिक चिकित्सा हेतु उप स्वास्थ्य केंद्र बनाये गये। गांव के लोगों ने सिर ऊँचा करके जीवन जीना शुरू किया।

परिवर्तन के जमाने में ,आज गर्व की पंचायती व्यवस्था लूट का शिकार बनी है। पंचायती ऑफिस में रंगिया पतईया तो खूब हुई लेकिन लेकिन जनता की सेवा के नाम पर जनता को मिला बाबा जी का ठुल्लू। गाँव की अर्थनीति टूट गयी है।पंचायती व्यवस्था में ना तो ग्राम संसद की सभा होती है और ना ही विकास ही का लेखा-जोखा वहाँ पर किया जाता है।

 आज जमीन ,नदी का बालू , पेड़ सहित ग्रामीण संपदा को लूटा जा रहा है। पंचायती व्यवस्था में जनता की जगह आज सत्ता को ठेकेदारों और लुटेरों ने कब्जा कर लिया है।विकास के किसी काम का हिसाब नहीं दिया जा रहा है।गरीब लोगों को जमीन का पट्टा नहीं मिल रहा है। जनता से 5 गुना टैक्स वसूला जा रहा है खाजना के नाम पर।

अतःजनता हिसाब चाहती है-

1) उम्र 60 के ऊपर, फिर भी क्या आपको वृद्धा पेंशन मिलता है?

2) पति स्वर्गवासी ,लेकिन विधवा पेंशन का लाभ अभी तक क्यों नहीं मिला?

3) जिन गरीबों के कच्चे मकान हैं, उनको अभी तक आवास योजना का लाभ क्यों नहीं मिला है?

4) 100 दिन के काम का मजदूरी 1 साल से भी ज्यादा हो चुका ,अभी तक क्यों नहीं मिला है?

5) इलाके के हर घर से 20 रूपया लेकर फॉर्म भर्ती करवाया गया लेकिन घर-घर पानी का कनेक्शन क्यों नहीं मिला?

6) कोरोना से ,डेंगू से जनता आतंकित ,इलाके में नालियों की साफ-सफाई क्यों नहीं होती है?

7) गाँव के किसानों को उनके फसल का उचित दाम नहीं मिलता है ,सरकारी खाद और बीजों की सुविधा उन्हें क्यों नहीं मिलती है?

8) उंगलियों की छाप न मिलने के कारण राशन बन्द,

गरीबों को AAY,SPHH राशन कार्ड से वंचित किया जाता है, क्यों?

9) आँधी तूफान और बरसात के कारण क्षतिग्रस्त गरीब के घरों को तिरपाल क्यों नहीं मिलता है?

हिसाब देना होगा जनता को-

वादा तेरा वादा ,झूठा तेरा वादा।

तृणमूल कांग्रेस द्वारा परिचालित इस पंचायत की लूट और झूठ का हिसाब करने के लिए जनता संगठित होने जा रही है ,जनता के द्वारा विकल्प ग्राम सभा। इस ग्राम सभा में जनता के अभाव अभियोग के माध्यम से पंचायत के कुकर्म का काला चिट्ठा प्रकाशित किया जाएगा।

 लंबे अरसे से इस पंचायत के खिलाफ जमा हुआ गुस्सा और अपने इलाके को बेहतर बनाने की मंशा के साथ जनता की पंचायत बनाने का निर्णय लिया जाएगा।